प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S437, इसमें बताया गया है कि ध्यान योग में तुरीय अवस्था क्या है? इस विषय पर चर्चा करते हुए गुरु महाराज ने 'सत्संग योग' के पारा संख्या (105) में कहते हैं- "राम को तुरिया अवस्था में पहुंचकर भजने के लिए कहते हैं। पुनः गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज तुरिया अवस्था प्राप्त कर राम का भजन करने और अपने अंतर में ही राम को प्राप्त करने के लिए भी बतलाते हैं"। यहां गुरु महाराज एक प्रवचन में क्या कहा है; उसे ही पढ़ेंगे और सुनेंगे-
एक जगह गुरु महाराज कहते हैं। जैसे-- गहरी नींद की अवस्था, स्वप्न की अवस्था और तंद्रा की अवस्था होती है। उसी तरह से साधना करने के क्रम में व्यक्ति जब विदु ध्यान प्राप्त कर लेता है। तो वहां से तुरिया अवस्था प्रारंभ हो जाता है। जहां तक है शब्द साधना होता है । वहां तक तुरिया अवस्था कहलाता है। उसे ही तुरिया अवस्था कहते हैं।
आइए गुरु महाराज और क्या कहते हैं इस विषय पर उनके निम्नोक्त प्रवचन में पढ़ते हैं--
ध्यानस्थ तुरिया अवस्था में गुरुदेव |
एक जगह गुरु महाराज कहते हैं। जैसे-- गहरी नींद की अवस्था, स्वप्न की अवस्था और तंद्रा की अवस्था होती है। उसी तरह से साधना करने के क्रम में व्यक्ति जब विदु ध्यान प्राप्त कर लेता है। तो वहां से तुरिया अवस्था प्रारंभ हो जाता है। जहां तक है शब्द साधना होता है । वहां तक तुरिया अवस्था कहलाता है। उसे ही तुरिया अवस्था कहते हैं।
आइए गुरु महाराज और क्या कहते हैं इस विषय पर उनके निम्नोक्त प्रवचन में पढ़ते हैं--
तुरिया अवस्था का प्रवचन |
जब व्यक्ति का ध्यान, साधना, योगा, मेडिटेशन, नासाग्र ध्यान करते हुए, बिंदु ध्यान से ऊपर उठ जाता है । तब वह तुरिया अवस्था में रहता है। ईसी को समझाने के लिए सदगुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज का यह हिंदी प्रवचन है। आइए आगे के और प्रवचन पढ़ते हैं निम्नोक्त चित्र से--
तुरिया अवस्था प्रवचन |
प्रभु प्रेमियों ! अगर हम जीवन में हम तरक्की-ही-तरक्की करना चाहते हैं। तो सदगुरु महाराज के प्रवचनों में कही गई बातों को हृदय से धारण करें । जिनको उपर्युक्त चित्रों को पढ़ने में दिक्कत होती है या किसी तरह का परेशानी होती है । तो वह हमारा निम्नोक्त वीडियो में गुरु महाराज के प्रवचन को सुने-
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के प्रवचन से आप ने जाना कि तुरीय अवस्था क्या है ? और उस में कैसे प्रवेश किया जाता है ? उसका लाभ क्या है ? उपरोक्त प्रवचन को पढ़ने के बाद, अगर किसी के मन में किसी प्रकार का शंका या प्रश्न है। तो वह हमें कमेंट करें , टिप्पणी करें। यथासंभव हम उनके प्रश्नों का जवाब देंगे। जय गुरु महाराज फिर मिलते हैं, अगले प्रवचन में। नमस्कार!
S437, ध्यान योग में तुरीय अवस्था क्या है?
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
12/02/2017
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