प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S56, इसमें बताया गया है कि मानसिक रोगों का वर्णन और उसकी सफल चिकित्सा । मानसिक रोग, टेंशन, पागलपन, काम, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या,द्वेश, झूठ, चोरी, व्यभिचार आदि जो मानसिक रोग है। वह समूल नष्ट कैसे होगा? इसी बात की चर्चा इस वीडियो में किया गया है। इस तरह की बीमारी ना तो कोई डॉक्टर, वैध हकीम या प्रयोगशाला में ठीक हो सकता है बल्कि सत्संग में ही ठीक हो सकता है । यह वचन सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के हैं जो उन्होंने नेपाल के सत्संग में कहा था।
प्रवचन चित्र 1 |
प्रवचन चित्र दो |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि मानसिक रोगों का वर्णन और उसकी सफल चिकित्सा । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S56, मानसिक रोगों का वर्णन और उसकी सफल चिकित्सा -महर्षि मेंही
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
7/06/2018
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