S340, ईश्वर भक्ति का सही तरीका क्या है? -सद्गुरु महर्षि मेंहीं

     प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S340, इसमें  बताया गया है कि गुरु की आवश्यकता और सत्संग की विशेषता क्या है?  हम लोगों को गुरु क्यों बनाना चाहिए ? गुरु की क्या आवश्यकता है ? गुरु नहीं रहने पर हम लोग को क्या-क्या  नुकसान हो सकता है? इत्यादि बातों के साथ सत्संग रोज करना चाहिए और सत्संग का सही स्वरूप क्या है? और अगर कोई संत महात्मा नहीं रहे तो सत्संग कैसे कर सकते हैं? ईश्वर भक्ति का सही तरीका क्या है? -सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज ने इस प्रवचन में बताया गया है। यह प्रवचन शांति संदेश के नवंबर-दिसंबर अंक में 1993 ईस्वी को प्रकाशित हुआ है। तो आइए इस प्रवचन को पढ़ने के पहले गुरु महाराज का दर्शन करें-

सत्संग में विराजमान गुरुदेव
सत्संग में विराजमान गुरुदेव


प्रवचन चित्र
प्रवचन चित्र

प्रवचन चित्र समाप्त
प्रवचन चित्र समाप्त
     प्रभु प्रेमियों ! आप लोगों ने गुरु महाराज के प्रवचन सुने, पढ़ें और इससे समझ गए होंगे कि ईश्वर-भक्ति का सही तरीका क्या है ? लोग बहुत तरह से ईश्वर भक्ति करते हैं, लेकिन असली तरीका गुरु महाराज ने बताया है। जिससे सभी दुखों का नाश होता है। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका है, तो आप हमें कमेंट करें और निम्न वीडियो को देखें ।इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें । जिससे फिर और कोई वीडियो लोड होने पर या गुरु महाराज का प्रवचन लोड होने पर आपको इसकी तुरंत  सूचना मिलेगी और यह निशुल्क है। जय गुरु।


S340, ईश्वर भक्ति का सही तरीका क्या है? -सद्गुरु महर्षि मेंहीं S340, ईश्वर भक्ति का सही तरीका क्या है? -सद्गुरु महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 3/08/2018 Rating: 5

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