S383, गुरु बिना सब अंधकार, सूर्य चंद्र तारनमं -सद्गुरु महर्षि मेंहीं

     प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S383, इसमें  बताया गया है कि संतो ने सत्संग की बहुत महिमा गाई है। सत्संग से ही हर तरह का ज्ञान, विवेक, धन, ऐश्वर्य, मोक्ष इत्यादि सब प्राप्त होते हैं। इसलिए सत्संग नित्य करना चाहिए । सत्संग करने के लिए एक उचित स्थान हो, जहां रोज सत्संग करें। जिससे ईश्वर भक्ति की प्रेरणा मिलती रहे। प्रवचन पढ़ने के पहले आइए गुरु महाराज का दर्शन करें-

सत्संग करते गुरुदेव
सत्संग करते गुरुदेव

प्रवचन चित्र
प्रवचन चित्र

प्रवचन समाप्त
प्रवचन समाप्त

प्रभु प्रेमियों ! आप लोगों ने गुरु महाराज के प्रवचन को पढ़कर समझ गए होंगे कि सत्संग करने के लिए सत्संग मंदिर की आवश्यकता है और सत्संग के लाभों से अपने आपको सदा लाभान्वित करने के लिए हमेशा सत्संग करना चाहिए। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए आप हमें कमेंट करें।



S383, गुरु बिना सब अंधकार, सूर्य चंद्र तारनमं -सद्गुरु महर्षि मेंहीं S383, गुरु बिना सब अंधकार, सूर्य चंद्र तारनमं -सद्गुरु महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 3/29/2018 Rating: 5

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