प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S306, इसमें बताया गया है कि ईश्वर भक्ति के प्रारंभ में ही ऐसा सुख मिलता है, जिसकी तुलना संसार के किसी भी सुख से नहीं की जा सकती। अर्थात खाने-पीने, घूमने, राज करने इत्यादि में भी वैसा सुख नहीं है। इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
सत्संग हॉल में गुरुदेव |
प्रवचन चित्र 3 |
प्रवचन चित्र 4 |
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S306, (ख) ईश्वर-भक्ति के शुरुआत में ही वह सुख मिलेगा,... सद्गुरु महर्षि मेंहीं
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4/04/2018
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