प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-सांप्रदायिकता दूर कर सत्संग और ईश्वर-भक्ति कैसे करें? सांप्रदायिक भाव आज कल बहुत बड़ा दंगा फसाद का कारण है । इस संप्रदायिक भाव से हम लोग कैसे ऊपर उठ सकते हैं। इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
सिंहासन पर विराजमान देव |
प्रवचन चित्र 3 |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों इस प्रवचन का पाठ करके आप लोग समझ गए होंगे कि संकीर्ण भाव से ऊपर कैसे उठा जा सकता है।
S57, (ख) सांप्रदायिकता दूर कर सत्संग और ईश्वर-भक्ति करें? -सद्गुरु महर्षि मेंंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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4/07/2018
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