S57, (ख) सांप्रदायिकता दूर कर सत्संग और ईश्वर-भक्ति करें? -सद्गुरु महर्षि मेंंहीं

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-सांप्रदायिकता दूर कर सत्संग और ईश्वर-भक्ति कैसे  करें? सांप्रदायिक भाव आज कल बहुत बड़ा दंगा फसाद का कारण है । इस संप्रदायिक भाव से हम लोग कैसे ऊपर उठ सकते हैं। इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए         यहां दबाएं।

सिंहासन पर विराजमान देव
सिंहासन पर विराजमान देव


प्रवचन चित्र 3
प्रवचन चित्र 3
प्रवचन समाप्त
प्रवचन समाप्त
प्रभु प्रेमियों इस प्रवचन का पाठ करके आप लोग समझ गए होंगे कि संकीर्ण भाव से ऊपर कैसे उठा जा सकता है।

S57, (ख) सांप्रदायिकता दूर कर सत्संग और ईश्वर-भक्ति करें? -सद्गुरु महर्षि मेंंहीं S57, (ख) सांप्रदायिकता दूर कर सत्संग और ईश्वर-भक्ति करें? -सद्गुरु महर्षि मेंंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 4/07/2018 Rating: 5

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