प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S451, इसमें बताया गया है कि आपस में मेल से रहो, मेल में बड़ा बल है। बेमेल से बहुत नुकसान होता है। मेल से रहने के बहुत फायदे हैं। आप किसी से नहीं डरेंगे। आपकी दिनो दिन उन्नति होगी। इसलिए मेल से अवश्य रहें। यह प्रवचन दो पोस्टों में दिया गया है प्रथम पोस्ट यहां है-
शांति संदेश |
प्रवचन चित्र 1 |
प्रवचन चित्र दो |
प्रभु प्रेमियों ! आप लोगों ने गुरु महाराज के प्रवचन 'आपस में मेल से रहो' का प्रथम भाग का पाठ किया । दूसरे भाग का पाठ करने के लिए यहां दबाएं।
S451,(क) आपस में मेल से रहो, मेल में बड़ा बल है। बेमेल से नुकसान -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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5/10/2018
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