प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S456, इसमें बताया गया है कि ईश्वर कौन है ? जो सबका आधार है वह ईश्वर है। दरअसल ईश्वर का स्वरूप क्या है? इसको समझे बिना बहुत से लोग पाषाण मूर्ति को एवं कोई स्थूल रूप को ही ईश्वर मानते हैं? इसलिए गुरु महाराज इस प्रवचन में लोगों को अच्छी तरह समझाना चाहते हैं कि ईश्वर का स्वरूप कैसा है और हम उसे क्यों ईश्वर मानते हैं? वह सर्वशक्तिमान कैसे हैं ?
प्रवचन चित्र |
प्रवचन चित्र दो |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि जो सबक आधार है वह परमात्मा है । ईश्वर है । उस ईश्वर की भक्ति हम क्यों करें? यह भी आपने जाना । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S456, ईश्वर कौन है ? अच्छी तरह से जाने। --सद्गुरु महर्षि मेंही प्रवचन
Reviewed by सत्संग ध्यान
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5/22/2018
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