प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S159, इसमें बताया गया है कि संतों के आज्ञानुसा शनर आरती (ईश्वर भक्ति) करने से परम कल्याण होता है। हम लोग रोजाना धूप, दीप, फूल, अक्षत एवं अन्य प्रकार से कुछ-न-कुछ पूजा-पाठ अवश्य करते हैं। लेकिन संतों के आज्ञा के अनुसार वे जैसा पूजा-पाठ, ध्यान , योग, जप आदि बतलाते हैं वैसा करने से हम लोगों का परम कल्याण निश्चित होगा। वह पूजा-पाठ क्या है? कैसे करना चाहिए? इत्यादि बातों की जानकारी का प्रवचन । इस प्रवचन का पहला भाग पढ़ने के लिए यहां दवाएं।
पूज्यपाद गुरुदेव |
प्रवचन चित्र 3 |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि संतों के आज्ञानुसा शनर आरती (ईश्वर भक्ति) करने से परम कल्याण होता है। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S159, (ख) संतों के आज्ञानुसार आरती (ईश्वर भक्ति) करने से परम कल्याण
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
6/22/2018
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