प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S282, इसमें बताया गया है कि ईश्वर-भक्ति, ईश्वर दर्शन और ईश्वर दर्शन के उपयुक्त साधन क्या है। ईश्वर के भक्त- ईश्वर का दर्शन अवश्य करना चाहता है । ईश्वर का दर्शन करने के लिए हमें कहां जाना चाहिए? क्या करना चाहिए? इन सब बातों की अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए । इसके बिना हम ईश्वर दर्शन से, ईश्वर के असली दर्शन से वंचित रह जाएंगे। ईश्वर के असली दर्शन से जो लाभ होता है उसका भी वर्णन आपको मिलेगा।
शांति संदेश कबर |
प्रवचन चित्र |
प्रवचन चित्र दो |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि ईश्वर-भक्ति, ईश्वर दर्शन और ईश्वर दर्शन के उपयुक्त साधन क्या है। । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस प्रवचन के शेष भाग को पढ़ने के लिए आप यहां दवाएं।
S282, (क) ईश्वर-भक्ति, ईश्वर दर्शन और ईश्वर दर्शन के उपयुक्त साधन -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
6/28/2018
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।