S313, सामुदायिक प्रार्थना- स्तुति प्रार्थना और उपासना का महत्व -महर्षि मेंहीं

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S313, इसमें  बताया गया है कि सामुदायिक प्रार्थना- स्तुति प्रार्थना और उपासना का महत्व । ईश्वर भक्ति में स्तुति प्रार्थना और उपासना का महत्व क्या है? प्रत्येक मनुष्य शांति पाना चाहता है । शांति पाने का एकमात्र रास्ता ईश्वर का भजन है और ईश्वर प्राप्ति होने पर ही शांति दायक परम सुख प्राप्त हो सकता है। ईश्वर भक्ति के लिए स्तुति, प्रार्थना और उपासना अवश्य करनी चाहिए। इसका क्या महत्व है? इन्हीं सब बातों की चर्चा है इस प्रवचन में।
शांति संदेश कबर
शांति संदेश कबर


प्रवचन चित्र
प्रवचन चित्र

प्रवचन चित्र दो
प्रवचन चित्र दो

प्रवचन चित्र समाप्त
प्रवचन चित्र समाप्त
     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि  सामुदायिक प्रार्थना- स्तुति प्रार्थना और उपासना का महत्व  । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।


S313, सामुदायिक प्रार्थना- स्तुति प्रार्थना और उपासना का महत्व -महर्षि मेंहीं S313, सामुदायिक प्रार्थना- स्तुति प्रार्थना और उपासना का महत्व -महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 6/29/2018 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।

Blogger द्वारा संचालित.