प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचनांश मैं बताया है कि गुरु के जन्मदिवस पर गुरु के ज्ञान की चर्चा होनी चाहिए ना कि उनके भौतिक रूप-रंग की । इसके साथ ही भगवान कैसे जल्दी रिझते हैं । तो कहते हैं कि प्रेम के बस में भगवान हैं । वह प्रेम कैसे होगा ? इस पर चिंतन करना चाहिए।
भक्तों के साथ गुरुदेव |
प्रवचनांस जन्म दिवस |
प्रवचनांस प्रेम के |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि गुरु के जन्मदिवस पर गुरु के ज्ञान की चर्चा होनी चाहिए ना कि उनके भौतिक रूप-रंग की । इसके साथ ही भगवान कैसे जल्दी रिझते हैं । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
जन्म दिवस का उत्सव और प्रेम ते प्रकट होहि मैं जाना -सद्गुरु महर्षि मेंहीं//सत्संग धान
Reviewed by सत्संग ध्यान
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7/20/2018
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