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S171, (ख) सत्संग की महिमा,सत्संग करनेवाला ही समझ सकता है --महर्षि मेँहीँ

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S171, इसमें  बताया गया है कि ईश्वर दर्शन के लिए सत्संग जरूरी है। सत्संग करने के फायदे तो अनंत हैं। सत्संग से ही सब कुछ प्राप्त होता है । जैसे- मति, कीर्ति , गति, भूति और भलाई आदि । सभी अच्छे पदार्थ सत्संग से प्राप्त होते हैं । सत्संग  करने से ही ईश्वर की भी प्राप्ति होती है। ईश्वर कैसा है? ईश्वर दर्शन मेँ सत्संग का सहयोग कितना मिलेगा । इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए 

पूज्यपाद गुरुदेव और शाही स्वामी
पूज्यपाद गुरुदेव और शाही स्वामी


प्रवचन चित्र 4
प्रवचन चित्र 4

प्रवचन चित्र 5
प्रवचन चित्र 5

     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि   ईश्वर दर्शन के लिए सत्संग जरूरी है। सत्संग करने के फायदे तो अनंत हैं।  । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस प्रवचन के शेष भाग को पढ़ने के लिए।    


S171, (ख) सत्संग की महिमा,सत्संग करनेवाला ही समझ सकता है --महर्षि मेँहीँ S171, (ख) सत्संग की महिमा,सत्संग करनेवाला ही समझ सकता है --महर्षि मेँहीँ Reviewed by सत्संग ध्यान on 7/16/2018 Rating: 5

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