प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S483, इसमें बताया गया है कि हम कौन हैं- जीवात्मा, ब्रह्म या अन्य कोई। इसे योग के द्वारा जाने । हमारा यह शरीर है। हम इसमें रहते हैं। हम कौन हैं ? इसे समझने के लिए इसमें राजा जनक की कथा के द्वारा समझाया गया है। इस प्रवचन के दूसरे भाग को पढ़ने के लिए
प्रवचन चित्र 5 |
प्रवचन चित्र 6 |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि हम कौन हैं- जीवात्मा, ब्रह्म या अन्य कोई। इसे योग के द्वारा जाने । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए
S483, (ग) हम कौन हैं- जीवात्मा, ब्रह्म या अन्य कोई। -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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7/08/2018
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