S14, God-Bhajan is very important, including the duties of household and family. -सतगुरु महर्षि मेंहीं
महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" /14
प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 14 वां, भारत देश के, बिहार प्रांत के बांका जिलांतर्गत मंदार पहाड़ पर श्री कीर्तिनारायण सिंह जी द्वारा आयोजित संतमत सतरंग कार्यक्रम में दिनांक- 31-03-1951 ई. को रात्रि कालीन हुआ था। --पूज्यपाद स्वामी श्री संतसेवी जी महाराज ।
इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे--सुख-दुख,सुख क्या है,यह कहां और कैसे मिलता है,सुख की परिभाषा,सबसे बड़ा सुख क्या है,सुख किसे कहते हैं, दुख को सुख में बदलने की कला है ध्यान-योग,सुख और दुख में क्या अंतर है,दुख की परिभाषा,ईश्वर भक्ति से ही परम सुख,वास्तविक सच्ची भक्ति क्या है,भक्ति पर लेख,भक्ति लेख,परा भक्ति,सच्ची ईश्वर भक्ति का आधार, संतमत सत्संग से ही परम सुख की प्राप्ति,
ईश्वर भजन, ईश्वर भक्ति पर लेख,भक्ति का महत्व,
वास्तव में सच्ची भक्ति क्या है? आदि बारे में।God-Bhajan is very important, including the duties of household and family
सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि-- संतो की वाणीयों को पढ़ें, सुनें और समझे जब कर्त्तव्य कर्म का बोध हो जाए । तब उसको करने से होगा, केवल कहने से नहीं। शांति को प्राप्त करने वाले को संत कहते हैं। संतों का ज्ञान मोक्ष प्राप्त करने के लिए है। मनुष्य का शरीर कब छूठ जाएगा, इसका ठिकाना नहीं है। अतः इंन्द्रियों के सुख को कम करके आत्म सुख प्राप्त करना चाहिए। अंतर्मुख हो ज्योति और नाद का ध्यान करके आत्म सुख प्राप्त करना, मनुष्य का परम लक्ष्य है। ईसी से सारे दुखों की निवृत्ति होती है। इन बातों को बिशेष रूप से जानने के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें-
घर परिवार और ईश्वर भक्ति प्रवचन चित्र एक |
घर परिवार और ईश्वर भक्ति प्रवचन चित्र दो |
घर परिवार और ईश्वर भक्ति प्रवचन चित्र 3 |
घर परिवार और ईश्वर भक्ति प्रवचन चित्र 4 |
घर परिवार और ईश्वर भक्ति प्रवचन चित्र 5 |
घर परिवार और ईश्वर भक्ति प्रवचन चित्र 6 |
घर परिवार और ईश्वर भक्ति प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि सुख-दुख,सुख क्या है,यह कहां और कैसे मिलता है,सुख की परिभाषा,सबसे बड़ा सुख क्या है,सुख किसे कहते हैं, दुख को सुख में बदलने की कला है ध्यान-योग आदि बारे में। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।
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जय गुरु।
S14, God-Bhajan is very important, including the duties of household and family. -सतगुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
9/01/2019
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