महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 100
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर १००वां, के बारे में। इसमें बताया गया है कि ईश्वर क्या है ? अगर कोई हमसे पूछे तो हम उसको कैसे जवाब दे सकते हैं?
इसी प्रवचन को लेख रूप में पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
ईश्वर का स्वरूप 1 |
How is god Get it well
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि- प्यारे लोगो ! आस्तिक कुल में जन्म लेने से जब किन्हीं को कुछ समझ - बोध होता है , तब से उनको अपने घर के विश्वास के अनुकूल विश्वास होता है कि ईश्वर है ; क्योंकि आस्तिक घरों में कोई - न - कोई शब्द , जो ईश्वर - संबंधी है , बोला जाता है । यह सिलसिला चलता ही रहता है । .....इस तरह प्रारंभ करके गुरुदेव----What is the reason for being a believer and an atheist? God has many names, yet how is he one? What is the singularity of God form? What is form and word? How to understand God like words and forms? What is the benefit of Ishwar Darshan? Glory of satsang,.......आदि बातों पर विशेष प्रकाश डालते हैं। इन बातों को अच्छी तरह समझने के लिए पढ़ें-
ईश्व र का स्पवरूप 2 |
ईश्वर का स्वरूप 3 |
ईश्वर क्या है 4 |
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इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नंबर 101 को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि आस्तिक और नास्तिक बुद्धि होने का कारण क्या है? ईश्वर के अनेक नाम रूप है, फिर भी वह एक कैसे हैं? ईश्वर स्वरूप की विलक्षणता क्या है? रूप और शब्द क्या है? शब्द और रूप की तरह ईश्वर को कैसे समझें? ईश्वर दर्शन से लाभ क्या है? सत्संग की महिमा। इतनी जानकारी के बाद भी अगर कोई संका या प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।
महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर |
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S100, (ख) How is god Get it well ।। गुरु महाराज का प्रवचन ।। जोतराम, कटिहार
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
12/08/2017
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