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S185, (क) संतमत सत्संग का असली स्वरुप क्या है -सद्गुरु महर्षि मेंही।

     प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं- संतमत सत्संग का असली स्वरुप अर्थात संतमत सत्संग में मुख्य बात क्या है? इस विषय पर सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के निम्नांकित प्रवचन हैं, जो दो भागों में पोस्ट किया जा रहा है। पोस्ट का पहला भाग निम्नांकित है-
सद्गुरु महर्षि मेंही
सद्गुरु महर्षि मेंही
     उपर्युक्त चित्र सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज का है । जिनका प्रवचन नीचे प्रवचन परिचय चित्र के बाद दिया जा रहा है। 

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प्रवचन परिचय चित्र
प्रवचन परिचय चित्र
यह प्रवचन दिनांक 9/9/1962 ईस्वी के अपराहन काल में  बिहार राज्य के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में हुआ था।
प्रवचन चित्र एक
प्रवचन चित्र एक 
प्रवचन चित्र
प्रवचन चित्र
प्रवचन चित्र
प्रवचन चित्र



प्रवचन चित्र
      जिन लोगों को उपर्युक्त प्रवचन पढ़ने में दिक्कत होती है या किसी तरह का परेशानी है, उन से निवेदन है कि वह कृपया निम्नांकित वीडियो देखें-



     प्रभु प्रेमियों! यह प्रवचन बहुत लंबा है और ब्लॉगर पोस्ट के हिसाब से एस.सी.ओ में कुछ दिक्कत होने के कारण शेष प्रवचन दूसरे पोस्ट में पढ़ेंगे। दूसरा पोस्ट पढ़ने के लिए      यहां दबाएं।

S185, (क) संतमत सत्संग का असली स्वरुप क्या है -सद्गुरु महर्षि मेंही। S185, (क) संतमत सत्संग का असली स्वरुप क्या है  -सद्गुरु महर्षि मेंही। Reviewed by सत्संग ध्यान on 12/12/2017 Rating: 5

2 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामी8/2/18, 1:23 pm

    नमस्ते जी! आप क्या कर रहे है ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जय गुरु महाराज ठीक है गुरु महाराज का सत्संग ध्यान करते रहना चाहिए

      हटाएं

प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।

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