Ad1

Ad2

S 306, (ग) ईश्वर भक्ति का असली तरीका और फायदे -सद्गुरु महर्षि मेंहीं ‌

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S306, इसमें  बताया गया है कि ईश्वर भक्ति के प्रारंभ में ही ऐसा सुख मिलता है, जिसकी तुलना संसार के किसी भी सुख से नहीं की जा सकती। अर्थात  खाने-पीने, घूमने, राज करने इत्यादि में भी वैसा सुख नहीं है। अपने शरीर की मंदिर में पूजा करने का सही विधान है ध्यान करना। ध्यान कैसे करेंगे ? जो ईश्वर का असली भक्ति होगा। ईश्वर-परमात्मा की भक्ति कैसे करें? ईश्वर-भक्ति का सही तरीका क्या है? आदि विषयों को अच्छी तरह से समझाया गया है । इस प्रवचन के शुरुआती भाग को पढ़ने के लिए      यहां दबाएं।

सिंहासनासीन गुरुदेव
सिंहासनासीन गुरुदेव


प्रवचन चित्र 5
प्रवचन चित्र 5

प्रवचन समाप्त
प्रवचन समाप्त

     प्रभु प्रेमियों ! आप लोगों ने गुरु महाराज के प्रवचन को पढ़कर जाना कि ईश्वर-भक्ति करने का सही-सही तरीका क्या है और इसके क्या-क्या फायदे हैं। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने । फिर मिलेंगे दूसरे पोस्ट में जय गुरु महाराज।


S 306, (ग) ईश्वर भक्ति का असली तरीका और फायदे -सद्गुरु महर्षि मेंहीं ‌ S 306, (ग) ईश्वर भक्ति का असली तरीका और फायदे -सद्गुरु महर्षि मेंहीं ‌ Reviewed by सत्संग ध्यान on 4/04/2018 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।

Ad

Blogger द्वारा संचालित.