प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S338, इसमें बताया गया है कि अच्छे-अच्छे कर्म करो और ईश्वर भजन भी करो । दुनिया में अच्छे और बुरे दोनों तरह के कर्म हैं। अगर आप अच्छे कर्म नहीं करेंगे, तो बुरे कर्म में लग जाएंगे। इसलिए अच्छे कर्म करते हुए ईश्वर का भजन भी करें । जिससे यह शरीर छूटने के बाद जो आपकी गति हो अच्छी हो और जब तक यह शरीर है, तब तक भी आप सुख से रह सके, शांति से रह सके । प्रवचन पढ़ने के पहले आइए गुरु महाराज का दर्शन करें-
अपने निवास में गुरुदेव |
प्रवचन चित्र |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! आपने गुरु महाराज के प्रवचन का पाठ करके जाना कि इस संसार में रहने के लिए अच्छे कर्म करना कितना आवश्यक है । इसके साथ ही भजन करना भी उतना ही आवश्यक है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संदेह या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें । फिर मिलेंगे दूसरे प्रवचन में । जय गुरु महाराज।
S338, अच्छे-अच्छे कर्म करो और ईश्वर भजन भी करो -सद्गुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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4/09/2018
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