प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S389, इसमें बताया गया है कि चाहे कोई कितना होशियार हो संसार में कितना ही सुख सुविधामय शांतिमय जीवन हो लेकिन असली शांति अंदर की शांति है । जो ध्यान अभ्यास और भजन से प्राप्त होता है। इसी बात को भगवान श्री राम ने कहा है। साथ ही ईश्वर-भक्ति का सही तरीका क्या है? जिससे सभी कष्टों से छुटकारा हो जाए । इसकी पूरी जानकारी के साथ-साथ और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? प्रवचन पढ़ने के पहले गुरु महाराज का दर्शन करें -
गुरुदेव भक्तों के साथ |
प्रवचन चित्र |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों !आप लोगों ने गुरु महाराज के प्रवचन का पाठ करके जाना कि दुनिया में कितना भी होशियार हो जाओ लेकिन बिना भोजन किए असली सुख शांति प्राप्त नहीं हो सकता। भजन करने के लिए असली युक्ति प्राप्त करना गुरु से ही संभव है इतनी जानकारी के बाद भी अगर किसी प्रकार का कोई शंका या प्रश्न है तो कमेंट करें जय गुरु महाराज ।
S389, यह होशियारों का शहर होशियारपुर है। -सद्गुरु महर्षि मेंंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
4/09/2018
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।