S145, (ख) मृत्यु के बाद जीव लिंग शरीर या सूक्ष्म शरीर में रहता है। -महर्षि मेंहीं

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S145, इसमें  बताया गया है कि  मृत्यु के बाद जीव लिंग शरीर या सूक्ष्म शरीर में रहता है। प्रत्येक व्यक्ति की मृत्यु होगी, यह निश्चित है । मरने के बाद हम लोग अपने कर्मों के अनुसार शरीर प्राप्त करते हैं। मरने के बाद जीवात्मा सुक्ष्म शरीर में रहता है और जब सूक्ष्म कारण और महाकारण शरीरों का विनाश हो जाता है तो वह जीवन मुक्त होता है। इस प्रवचन में इन्हीं सब बातों पर विशेष चर्चा है। इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए         यहां दबाएं

शांति संदेश कबर
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प्रवचन चित्र 3
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प्रवचन समाप्त
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     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि  मृत्यु के बाद जीव लिंग शरीर या सूक्ष्म शरीर में रहता है।  । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।

S145, (ख) मृत्यु के बाद जीव लिंग शरीर या सूक्ष्म शरीर में रहता है। -महर्षि मेंहीं S145, (ख) मृत्यु के बाद जीव लिंग शरीर या सूक्ष्म शरीर में रहता है। -महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 6/30/2018 Rating: 5

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