S298, (क) ईश्वर-भक्ति सभी सुखों की खान । -महर्षि मेंहीं

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 298

     प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S481, इसमें  बताया गया है कि ईश्वर-भक्ति सभी सुखों की खान है

शांति संदेश
शांति संदेश

ईश्वर-भक्ति सभी सुखों की खान है

      हम लोगों को ईश्वर भक्ति रुपी माता की गोद में अपने को समर्पित करके, पूर्ण पुरुष परमात्मा की ओर चल देना चाहिए। इन्हीं सब विषयों पर इस प्रवचन में चर्चा किया गया है पढें-

प्रवचन चित्र एक
प्रवचन चित्र एक
     ईश्वर भक्ति रूपी माता के गोद में, अपने आप को कैसे समर्पित कर सकते हैं? इस बारे में बताते हुए गुरु महाराज कहते हैं कि जो ज्ञान ध्यान की बातें हैं, उसके अनुसार अपना जीवन बना लीजिए। यही ईश्वर-भक्ति रूपी माता की गोद में अपने आपको समर्पित करना है।

प्रवचन चित्र दो
प्रवचन चित्र दो

     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि  ईश्वर-भक्ति सभी सुखों की खान है। ईश्वर-भक्ति में कभी-न-कभी पूर्णता को पहुंच जायेंगे । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस प्रवचन के शेष भाग को पढ़ने के लिए        यहां दबाएं


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