प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S187, इसमें बताया गया है कि माया की प्रवल सेना से बचने का उपाय- ईश्वर का दर्शन । बाहरी आक्रमणों से लड़ने के लिए हम लोग अपने जीवनों की चिंता नहीं करते। देह का भी चिंता नहीं करते। उसी तरह माया की सेना से बचने के लिए हम लोगों को अत्यंत यत्न पूर्वक ईश्वर की भक्ति करनी चाहिए। ईश्वर की भक्ति क्या है? कैसे करें? आदि बातों की जानकारी।
प्रवचन चित्र एक |
प्रवचन चित्र दो |
प्रवचन चित्र 3 |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि माया की प्रवल सेना से बचने का उपाय- ईश्वर का दर्शन है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। यह प्रवचन लंबा है इस के दूसरे भाग कोो पढ़ने के लिए। यहां दबाएं।
S187, (क) माया की प्रवल सेना से बचने का उपाय- ईश्वर का दर्शन -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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6/14/2018
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