महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" /12
प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 12 वां, भारत देश के, बिहार प्रांत के सासाराम जिलांतर्गत श्री भरतभुआल सिंन्हा जी द्वारा आयोजित संतमत सतरंग कार्यक्रम में दिनांक- 09-02-1951 ई. को अपराह्न कालीन हुआ था। --पूज्यपाद स्वामी श्री संतसेवी जी महाराज ।
इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे--योग के उद्देश्य,योग शिक्षा का उद्देश्य,योग क्या है परिभाषा,योग के अंग,योग का महत्व,योग का इतिहास,योग शिक्षा का अर्थ,संतमत सिद्धांत,संतमत प्रकाश,संतमत सत्संग : सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज, संतमत परिचयसंतमत परिचय आदि बारे में।
ध्यान योग व संतमत प्रवचन |
ध्यान योग के लिए संतमत की बातों को जानंना जरुरी है।
सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि-- संतो की वाणीयों को पढ़ें, सुनें और समझे। जब कर्त्तव्य कर्म का बोध हो जाए । तब उसको करने से होगा, केवल कहने से नहीं।ध्यान योग के लिए संतमत की बातों को जानंना जरुरी है। ध्यान योग बहुत ही गंभीर विषय है और इस संसार का सबसे बड़ा काम है- ध्यान करना । उसमें सफलता प्राप्त कर लेना सहज नहीं है । इसके लिए संतमत की बातों को जानना बहुत जरुरी है । संतमत के बात क्या है ?संतलोग ध्यान के विषय में क्या कहते हैं ? योग गुरु की सेवा-भक्ति चाहिए।इन बातों को बिशेष रूप से जानने के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें-
ध्यान योग व संतमत प्रवचन चित्र एक |
ध्यान योग व संतमत प्रवचन चित्र दो |
ध्यान योग व संतमत प्रवचन चित्र 3 |
ध्यान योग व संतमत प्रवचन चित्र 4 |
ध्यान योग व संतमत प्रवचन चित्र 5 |
ध्यान योग व संतमत प्रवचन चित्र समाप्त |
यही प्रवचन महर्षि मेंही सत्संग सुधा सागर में भी प्रकाशित है उसे पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि उद्देश्य,योग क्या है परिभाषा,योग के अंग,योग का महत्व,योग का इतिहास,योग शिक्षा का अर्थ,संतमत सिद्धांत,संतमत प्रकाश,संतमत सत्संग : सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज, संतमत परिचयसंतमत परिचय आदि बारे में। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।
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जय गुरु।
S12, (ख) ध्यान योग के लिए संतमत की बातों को जानंना जरुरी है।--सद्गुरु महर्षि मेंही प्रवचन
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
7/11/2018
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