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S460, चोखामेला और ईश्वर की भक्ति व भक्ति के प्रकार--सद्गुरु महर्षि मेंहीं

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S460, इसमें  बताया गया है कि गुरु महाराज अपने भक्तों पर बहुत दया करके मौज में आकर जो सभी को नहीं बताना चाहिए। वे बातें भी सार्वजनिक रूप से बता देते हैं। उन्होंने गुरु मंत्र की एक तरह से दीक्षा ही दे दी  है। जो सार्वजनिक दीक्षा के जैसा है

प्रवचन चित्र
प्रवचन चित्र


प्रवचन चित्र दो
प्रवचन चित्र दो

प्रवचन समाप्त
प्रवचन समाप्त

प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि   गुरु महाराज अपने भक्तों पर बहुत दया करके मौज में आकर जो सभी को नहीं बताना चाहिए । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।



S460, चोखामेला और ईश्वर की भक्ति व भक्ति के प्रकार--सद्गुरु महर्षि मेंहीं S460, चोखामेला और ईश्वर की भक्ति व भक्ति के प्रकार--सद्गुरु महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 7/13/2018 Rating: 5

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