प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S469, इसमें बताया गया है कि सत्संग क्या है? मनुष्य शरीर का सदुपयोग कैसे करें? शरीर कितने तरह का है ? सत्संग करने से क्या फायदा है? सभी शरीरों को पार करने के लिए क्या करना चाहिए? मनुष्य शरीर का सही सदुपयोग क्या है ? सावित्री और सत्यवान की कथा कह के गुरु महाराज बताते हैं कि स्थूल शरीर के अलावा 4 और शरीर है। सरसों मांगने वाले स्त्री की कथा जिसमें कहा गया है कि मृत्यु सब की अवश्य होगी। तो मनुष्य शरीर से हम लोग ऐसा कौन सा काम कर लें, जिससे कि इसका भरपूर फायदा हमें मिल जाए। इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए
पूज्य गुरुदेव |
प्रवचन चित्र 3 |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि सत्संग क्या है? मनुष्य शरीर का सदुपयोग कैसे करें? शरीर कितने तरह का है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S469, (ख) सत्संग क्या है? सावित्री और सत्यवान की कथा। मनुष्य शरीर का सदुपयोग
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
7/24/2018
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।