प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S462, इसमें बताया गया है कि मानसिक रोग के लक्षण और समयोचित दवा के साथ, प्रेरक प्रसंग भी है। मनुष्य दरिद्रता के कारण कैसे-कैसे मानसिक रोगों से ग्रस्त हो जाते हैं और उनका समुचित इलाज क्या है ? इसके साथ ही आप यह भी जान सकेंगे कि हर एक बीमारी का,हरेक दुख का अगर आप एक ही इलाज या एक ही दवा अगर चाहते हैं तो वह है परमात्मा की भक्ति । परमात्मा की भक्ति हम कैसे करें ? हम को प्रमाण स्वरूप इन दुखों से छुटकारा मिल जाए तो उसके लिए गुरु महाराज ध्यान योग की विधि बतलाते हैं।
प्रवचन चित्र एक
प्रवचन चित्र दो
प्रवचन चित्र 3
प्रवचन चित्र समाप्त
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि मानसिक रोग के लक्षण और समयोचित दवा के साथ, प्रेरक प्रसंग भी है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S462, मानसिक रोग के लक्षण और समयोचित दवा के साथ, प्रेरक प्रसंग, महर्षि मेंही प्रवचन
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/03/2018
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प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।
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