महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" /265
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 265वां, इसमें बताया गया है कि अंतरर्नाद क्या है/anahat naad in hindi
अंतरर्नाद क्या है?
अंतर्नाद किसे कहते हैं? गुरु महाराज के अनुसार 'बिंदु ध्यान' करने के बाद अंतरनाद सहज में सुनाई पड़ता है। लेकिन बिना बिंदु ध्यान किए भी अंतरनाद सुन सकते हैं । विशेष जानकारी के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें।
गुरु महाराज का प्रवचन 265 |
प्रवचन 265 अंतरनाद क्या है? |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि अंतरर्नाद क्या है/anahat naad in hindi । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
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S265, महर्षि मेंहीं pravachan/अंतरर्नाद क्या है/anahat naad in hindi
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
11/11/2018
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