S130 गुरु गोविंद सिंह की विशेषता || महर्षि मेँहीँ प्रवचन || guru mahaaraaj jee ka pravachan

महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर / 130 

      प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 130 वां, के बारे में । इसमें बताया गया है कि ईश्वर का स्वरूप कैसा है? ईश्वर-भक्ति की आवश्यकता क्यों है? शांतिमत सुख की प्राप्ति कैसे हो सकती है? आदि बातें। तो आईए निम्नलिखित चित्रों में गुरु महाराज के प्रवचन का पाठ करें।

S130, गुरु गोविंद सिंह  की विशेषता.  -महर्षि मेंहीं प्रवचन।ध्यानस्त गुरुदेव
ध्यानस्त गुरु महाराज




ईश्वर भक्ति के लिए क्या आवश्यक है ? श्री राम ने लोगों को ईश्वर भक्ति के साथ-साथ और क्या सिखलाया
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धनहीन व्यक्ति चोरी करता है, ईश्वर भक्त को सदाचार का पालन करते हुए संतोष से रहना चाहिए
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ईश्वर का दर्शन कैसे होगा ? ईश्वर दर्शन के लिए  बाहरी पूजा करें या आंतरिक पूजा ध्रुव प्रहलाद या कबीर साहब के अनुसार
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गोस्वामी तुलसीदास जी की भक्ति सगुण और निर्गुण दोनों थी और उनकी भक्ति पूरी हुई
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ईश्वर भक्तों को किन बातों से परहेज करना चाहिए भक्ति के लिए आवश्यक बातें
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शबरी की भक्ति मीरा की भक्ति और संत चरणदास जी महाराज के भक्ति की तरह की भक्ति करनी चाहिए
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श्री राम कृष्ण के साधना और भक्ति कैसे थे तंत्र शास्त्र में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
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संसार में स्त्रियों को पति के साथ पति भक्ति के साथ-साथ ईश्वर भक्ति करनी जरूरी है
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गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की भक्ति कैसी थी वे संसार और परमार्थ दोनों मैं सफल भक्त थे
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महात्मा गांधी की तरह भक्तों को भी अहंकार सुनने होकर स्वाबलंबी जीवन बिताते हुए भक्ति करनी चाहिए
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     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि ' ईश्वर-भक्ति की आवश्यकता क्यों है? ईश्वर भक्ति क्यों जरूरी है?  मनुष्य जीवन का परम लक्ष्य क्या है? शांति कैसे प्राप्त होती है? सत्संग करना क्यों जरूरी है ? संतो ने भक्ति किस तरह की है ? संसार में बोझ बन के रहते हुए या स्वावलम्बी लंबी सिस्टम से,  इत्यादि ब इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। 



सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के विविध विषयों पर विभिन्न स्थानों में दिए गए प्रवचनों का संग्रहनीय ग्रंथ महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
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S130 गुरु गोविंद सिंह की विशेषता || महर्षि मेँहीँ प्रवचन || guru mahaaraaj jee ka pravachan S130  गुरु गोविंद सिंह  की विशेषता  ||  महर्षि मेँहीँ प्रवचन  ||  guru mahaaraaj jee ka pravachan Reviewed by सत्संग ध्यान on 4/12/2019 Rating: 5

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