महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 00
प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 00 वां, भारत देश के, बिहार प्रांत के पूर्णियां जिलांतर्गत भंगहा ग्राम में आयोजित 'साध-मेला' नामक संतमत सत्संग में दिनांक- 30-12-1922 ई. को अपराह्न काल में हुआ था।
इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे-- आत्मकल्याण के उपाय, आत्म कल्याण हेतु सर्वोत्कृष्ट साधन, आत्म कल्याण का अर्थ, आत्मकल्याण का मार्ग, मानव नेत्र की विशेषता, आदि के बारे।आत्म ज्ञान की चर्चा में गुरुदेव |
Autism remedies , सद्गुरु महर्षि मेंहीं
सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि- मनुष्य के पास समय कम है और कर्त्तव्यों का बहुत बड़ा बोझ है; उन कर्त्तव्यों में से सबसे बड़ा कर्तव्य है- ईश्वर भजन करना। इस कर्त्तव्य को समय पर पूरा कर लेने में ही मनुष्य जन्म की सार्थकता है। पूरी जानकारी के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें- इस प्रवचन का दूसरा भाग पढ़ने के लिए यहां दवाएं।
शेष प्रवचन यहां पढ़ें-
आत्मा का वर्णन चित्र 13 |
आत्मा का वर्णन चित्र 14 |
आत्म कल्याण के उपाय चित्र 15 |
आत्म कल्याण के उपाय प्रवचन चित्र 16 |
आत्म कल्याण के उपाय प्रवचन चित्र 17 |
गुरुदेव की महिमा प्रवचन चित्र 18 |
इस प्रवचन का पहला भाग पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
अगर आप इस पूरी पुस्तक 'महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर' को डाउनलोड करना या ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं या संतमत के अन्य साहित्यों के सहित गुरु महाराज के सभी साहित्यों को ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो यहां दबाएं।
S00, (ग) Autism remedies , सद्गुरु महर्षि मेंहीं अमृतवाणी, साध-मेला भंगहा का प्रवचन
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
7/27/2019
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।