MS18 महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर || 323 प्रवचन बिषय-सूची सहित || 323 lectures with table of contents
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर
323 प्रवचन बिषय-सूची सहित /
प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर" एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें शुरू से अंत तक मानव जीवन के सम्पूर्ण दु:खों से छुटकारा दिलाने के लिए धर्मग्रथों, साधु-संतों कोटेशन और निजी अनुभूतियों सहित तर्कसंगत, बुध्दिसंमत युक्तियों से भरा हुआ है। इस ग्रन्थ को अगर कोई एक बार भी शुरू से अंत तक मनोयोग पूर्वक पाठ कर लेता है, तो उसे ब्रह्म ज्ञान हो जाता है। जिसे बौद्धिक रूप से भी ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है। उसे मनुष्य शरीर का मिलना ध्रुव निश्चित है। उसे तब तक मनुष्य शरीर मिलता रहेगा जब तक की उसे मोक्ष नहीं मिल जाता। क्योंकि शास्त्रों में बताया गया है कि "अगर इस जन्म में ब्रह्म को जान लिया तब तो ठीक है नहीं तो बहुत बड़ी हानि है । " इन सभी प्रवचनों का एक बार भी पाठ कर लेने से व्यक्ति को ब्रह्म संबंधी ठोस एवं प्रमाणिक जानकारी हो जाती है । जिसके फलस्वरूप उपर्युक्त लाभ मिलना अनिवार्य है।
इस ग्रंथ की महिमा अपार है इसका संपूर्ण वर्णन करना हमारे जैसे अल्पज्ञ से कठिन है। फिर भी अगर आपको सत्संग, ध्यान, ईश्वर, सद्गुरु एवं अन्य आध्यात्मिक बातों की से संबंधित ठोस एवं धर्म शास्त्रों से प्रमाणित जानकारी चाहिए तो इस ग्रंथ को अपने जीवन में एक बार अवश्य पाठ करें। अधिक क्या कहें आप स्वयं इसका पाठ कर इसकी महिमा का अनुभूति करें।
महर्षि मेँहीँ सत्संग-सुधा-सागर |
प्रकाशकीय |
महर्षि मेँहीँ सत्संग सुधा सागर' भाग 1
विषय-सूची
क्रमांक प्रवचन तिथि विषय
सन् 1970 ई. के प्रवचन
- 19-04-1970 ई.
- 28-06-1970 ई.
- 07-10-1970 ई.
- 30-11-1970 ई.
- 12-12-1970 ई.
- 13-12-1970 ई.
- 14-12-1970 ई.
सन् 1971 ई. के प्रवचन
- 10-01-1971 ई.
- 28-01-1971 ई.
- 23-03-1971 ई.
- 12-04-1971 ई.
- 14-11-1971 ई.
सन् 1972 ई. के प्रवचन
- 21-02-1972 ई.
- 25-02-1972 ई.
- 27-02-1972 ई.
- 05-03-1972 ई.
- 07-03-1972 ई.
- 08-03-1972 ई.
- 10-03-1972 ई.
- 17-03-1972 ई.
- 18-03-1972 ई.
- 28-03-1972 ई.
- 29-03-1972 ई.
- 02-04-1972 ई.
- 13-05-1972 ई.
- 16-05-1972 ई.
- 03-06-1972 ई.
- 10-06-1972 ई.
- 09-07-1972 ई.
- 15-09-1972 ई.
- 28-10-1972 ई.
सन् 1973 ई. के प्रवचन
सन् 1974 ई. के प्रवचन
सन् 1980 ई. के प्रवचन
सन् 1981 ई. के प्रवचन
विषय-सूची
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51. 52. 53. 54. 55. 56. 57. 58. 59. 60. 61.
62. 63. 64. 65. 66. 67. 68. 69. 70. 71. 72.
73. 74. 75. 76. 77. 78. 79. 80. 81. 82. 83.
84. 85. 86. 87. 88. 89. 90. 91. 92. 93. 94.
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158. 159. 160. 161. 162. 163. 164.
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172. 173. 174. 175. 176. 177. 178.
179. 180. 181. 182. 183. 184. 185.
186. 187. 188. 189. 190. 191. 192.
193. 194. 195. 196. 197. 198. 199.
200.
208. 209. 210. 211. 212. 213. 214.
215. 216. 217. 218. 219. 220. 221.
222. 223. 224. 225. 226. 227. 228.
229. 230. 231. 232. 233. 234. 235.
236. 237. 238. 239. 240. 241. 242.
243. 244. 245. 246. 247. 248. 249.
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272. 273. 274. 275. 276. 277. 278.
279. 280. 281. 282. 283. 284. 285.
301. 302. 303. 304. 305. 306. 307.
308. 309. 310. 311. 312. 313. 314.
315. 316. 317. 318. 319. 320. 321.
322. 323. 324. 325. ∆
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