महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 505
प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 505 वां, भारत देश के, उत्तर प्रदेश प्रांत के मुरादाबाद जिलांतर्गत संतमत सत्संग मंदिर में आयोजित संतमत सत्संग में दिनांक- 5-10-1949 ई. को अपराह्न काल में हुआ था। --पूज्यपाद स्वामी श्री संतसेवी जी महाराज ।इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे- कर्म कितने प्रकार,कर्म,कर्म कितने प्रकार के स्वीकृत है,कर्म के प्रकार इन हिंदी,कर्म का सिद्धांत,कर्म कितने होते है,कर्म का महत्व,अच्छे और बुरे कर्म,कर्मों का फल कैसे मिलता है,अच्छे कर्म कैसे करे,कर्म का फल कब मिलता है,पुण्य कर्म,धर्म ध्यान,गुरु ध्यान,ध्यान के प्रकार,ध्यान की व्याख्या,ध्यान क्रिया,dhyan,धर्म ध्यान के भेद आदि के बारे में।
कर्म और ध्यान पर प्रवचन करते गुरुदेव |
What is karma and meditation yoga according to saints
सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि- मनुष्य कई तरह के कर्म करते हैं । अच्छे और बुरे कर्म कितने प्रकार के होते हैं ? ध्यान क्या है ? ध्यान कैसे करते हैं? ध्यान अभ्यास में सफलता के लिए किन-किन चीजों की आवश्यकता है? आदि बातों पर भी प्रकाश डाला गया है। पूरी जानकारी के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें-
कर्म और ध्यान योग प्रवचन चित्र एक |
कर्म और ध्यान योग प्रवचन चित्र दो |
कर्म और ध्यान योग प्रवचन चित्र समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि What is karma and meditation yoga according to saints. संतों अनुसार कर्म और ध्यान योग क्या हैं? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
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S505, What is karma and meditation yoga according to saints --सद्गुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/24/2019
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