महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" /18
प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 18 वां, भारत देश के, बिहार राज्य के (सहरशा) मधेपुरा जिलांतर्गत धुरिया कालासन ग्राम में हुए संतमत सत्संग कार्यक्रम में दिनांक- 02-05-1952 ई. को काल हुआ था। --पूज्यपाद स्वामी श्री संतसेवी जी महाराज ।
इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे--मनुष्य शरीर की उपादेयता,मानव शरीर की उपयोगिता,मानव-जीवन की महानता एवं उपयोगिता,मानव शरीर रचना विज्ञान,मनुष्य और ईश्वर,मनुष्य को ईश्वर के अनुदान,ईश्वर कौन है,भक्ति की आवश्यकता,भक्ति की परिभाषा,भक्ति के प्रकार,भक्ति का महत्व,भक्ति का क्या महत्व हैं,भक्ति का अर्थ,ईश्वर भक्ति,भक्ति विचार,चरित्र का महत्व,वास्तव में सच्ची भक्ति क्या है,, आदि के बारे में।
मनुष्य का परम कर्तव्य पर प्रवचन करते गुरुदेव |
" Bade bhaag maanush tan paava..." the ultimate duty of man
सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि-- भगवान राम की आज्ञा अनुसार देव दुर्लभ मनुष्य शरीर को पाकर जो व्यक्ति अपने को संसार के बंधनों से नहीं छुरा लेता है, वह अंत में पछताता है। मनुष्य शरीर पाने का परम फल यही है कि ईश्वर भक्ति करके परमात्मा को प्राप्त कर लिया जाए। इस बात को अन्य संतो ने भी कहा है। जहां ज्योति और नाद की साधना की समाप्ति होती है वहीं परम प्रभु परमात्मा की प्राप्ति होती है। इन बातों को बिशेष रूप से जानने के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें--
मनुष्य शरीर की विशेषता प्रवचन चित्र एक |
मनुष्य शरीर के विशेषता पर वचन चित्र दो |
मनुष्य शरीर की विशेषता प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि मानव-जीवन की महानता एवं उपयोगिता,मानव शरीर रचना विज्ञान,मनुष्य और ईश्वर,मनुष्य को ईश्वर के अनुदान,ईश्वर कौन है,भक्ति की आवश्यकता,भक्ति की परिभाषा,भक्ति के प्रकार आदि बारे में। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।
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जय गुरु।
S18, " Bade bhaag maanush tan paava..." the ultimate duty of man. -सतगरु महर्षि मेंहीं प्रवचन
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
9/08/2019
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