महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" /17
प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 17 वां, भारत देश के, बिहार राज्य के भागलपुर जिलांतर्गत ढोलबज्जा ग्राम में हुए संतमत सत्संग कार्यक्रम में दिनांक- 30-04-1952 ई. को काल हुआ था। --पूज्यपाद स्वामी श्री संतसेवी जी महाराज ।
इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे--शरीर में आत्मा कहाँ विद्यमान है,आत्मा का शरीर में निवास स्थान,सोने के बाद हमारी आत्मा कहां जाती है,आत्मा शरीर,आत्मा और शरीर,जीव का जगना,सोना जागना, शक्ति प्राप्त करने के लिए जगें,दिन में सोना, रात्रि में जागना,होश में हो जीना, सोना और जागना,अवस्था क्या है,तुरिया अवस्था क्या है,अवस्था कितनी होती है,मनुष्य की कितनी अवस्था होती है,अवस्था कितने प्रकार की होती है,अवस्था का अर्थ,जीवन की अवस्था,तुरीयातीत अवस्था, आदि के बारे में।
जीवात्मा की अवस्था पर चर्चा करते गुरुदेव |
Human awakening / knowledge of stage difference and knowledge of turiya state
सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि--जीवात्मा सोया हुआ है। इसे जगाने की आवश्यकता है। जीवात्मा कहां रहता है? वह कैसे सोया है? कैसे जग सकता है? जीवात्मा किस अवस्था में है? अवस्था कितने प्रकार का होता है? तुरिया अवस्था में कैसे जाते हैं? इत्यादि बातों का विश्लेषण किया गया है। इन बातों को बिशेष रूप से जानने के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें-
जीव का जगना प्रवचन चित्र एक |
जीव की अवस्था प्रवचन चित्र दो |
जीव की अवस्था प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि सोना और जागना,अवस्था क्या है,तुरिया अवस्था क्या है,अवस्था कितनी होती है,मनुष्य की कितनी अवस्था होती है,अवस्था कितने प्रकार की होती है,अवस्था का अर्थ,जीवन की अवस्था,तुरीयातीत अवस्था आदि बारे में। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।
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जय गुरु।
S17, Human awakening / knowledge of stage difference and knowledge of turiya state -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
9/07/2019
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