S28, Get rid of all sorrows through real disinterest, devotion to God and Navadha Bhakti --सदगुरु महर्षि मेंहीं
महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" /28
प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 28 वां, भारत देश के, बिहार राज्य के कटिहार जिलांतर्गत, संतमत सत्संग मंदिर, मनिहारी में आयोजित संतमत सत्संग कार्यक्रम में दिनांक- 01-11-1952 ई. को अपराह्न काल में हुआ था। --पूज्यपाद स्वामी श्री संतसेवी जी महाराज ।
इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे--जिसने संसार की नश्वरता को शीघ्र समझ लिया वह संत हो गया,संसार की नश्वरता और परमात्मा की शाश्वतता,संसार की रचना,सृष्टि रचना की कथा,"राम नाम सत्य है" यह क्यों कहते,राम नाम सत्य है सत्य बोलो गत्य,राम नाम रहस्य,राम राम का मतलब क्या है,राम राम सत्य राम राम सत्य,ईश्वर भजन,ईश्वर भक्ति भजन,भगवान के भजन,ईश्वर का स्वरूप, ईश्वर,ईश्वर का स्वरूप कैसा हैं,ईश्वर का स्वरूप क्या,ईश्वर का अर्थ,योग दर्शन में ईश्वर का स्वरूप, आदि के बारे में।
संसार की नश्वरता और ईश्वर भजन प्रवचन |
Get rid of all sorrows through real disinterest, devotion to God and Navadha Bhakti
सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि-- संसार की नश्वरता का दृश्य लोग बराबर देखते हैं।जब किसी को " राम नाम सत्य है।" कहते देखते हैं। तो संसार की नश्वरता का बोध होता है और ईश्वर भजन करने की प्रेरणा होती है। ईश्वर भक्ति से ही संतुष्टि दायक, नित्यानंद और फरमानंद दायक सच्चे सुख की प्राप्ति होगी । वह ईश्वर कैसा है? इसको भी समझना जरुरी है। स्थूल, सूक्ष्म, कारण, महाकारण और कैवल्य यह पांच शरीर है। इनको पार करके ईश्वर की प्राप्ति होगी। इसका यत्न संतो ने बताया है।इसकी संपूर्णता के लिए हम लोगों को बराबर सत्संग करते रहना चाहिए। इन बातों को बिशेष रूप से जानने के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें-
संसार की नश्वरता और ईश्वर भजन प्रवचन चित्र एक |
संसार की नश्वरता और ईश्वर भजन प्रवचन चित्र दो |
संसार की नश्वरता और ईश्वर भजन प्रवचन चित्र 3 |
संसार की नश्वरता और ईश्वर भजन प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि ईश्वर का स्वरूप, ईश्वर,ईश्वर का स्वरूप कैसा हैं,ईश्वर का स्वरूप क्या,ईश्वर का अर्थ,योग दर्शन में ईश्वर का स्वरूप आदि बारे में। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।
आप इस पूरी पुस्तक 'महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर' को डाउनलोड करना या ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं या संतमत के अन्य साहित्यों के सहित गुरु महाराज के सभी साहित्यों को ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो यहां दबाएं।
जय गुरु।
S28, Get rid of all sorrows through real disinterest, devotion to God and Navadha Bhakti --सदगुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
9/16/2019
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।