S101, (ख) Importance of Simran in meditation yoga ।। महर्षि मेंहीं अमृतवाणी ।। 16-02-1955ई.

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 101

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर १०१वां, के बारे में। इसमें ध्यान योग में नाम भजन क्या है? की जानकारी दी गई है।

 इसी प्रवचन को लेख रूप में पढ़ने के लिए   यहां दबाए

सिमरन करते सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज
सिमरन भजन करते गुरुदेव

Importance of Simran in meditation yoga

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि-  प्यारे लोगो ! सुमिरन से सुख होत है , सुमिरन से दुख जाय । कह कबीर सुमिरन किये , साई माहिं समाय ॥ .....इस तरह प्रारंभ करके गुरुदेव----सुमिरण का अर्थ क्या है? परमार्थिक दृष्टि से बड़ा कौन है? परमात्मा कब मिलते हैं? राजा और रानी की कथा, सुमिरन कितने प्रकार का होता है? सुमिरन की महिमा, मानस ध्यान क्या है? सूक्ष्म मानव ध्यान क्या है? सुमिरन का विस्तार कहां तक है?  To what extent does Sumiran extend?.......आदि बातों पर विशेष प्रकाश डालते हैं। इन बातों को अच्छी तरह समझने के लिए पढ़ें-

१०१. सुमिरण से क्या होता है ?

मनिहारी कटिहार में प्रवचन करते सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस

सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज का प्रवचन

इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नंबर 102 को पढ़ने के लिए   यहां दबाएं।


प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि सुमिरण का अर्थ क्या है? परमार्थिक दृष्टि से बड़ा कौन है? परमात्मा कब मिलते हैं? राजा और रानी की कथा, सुमिरन कितने प्रकार का होता है? सुमिरन की महिमा, मानस ध्यान क्या है? सूक्ष्म मानव ध्यान क्या है? सुमिरन का विस्तार कहां तक है? इतनी जानकारी के बाद भी अगर कोई संका या प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।

     



सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के विविध विषयों पर विभिन्न स्थानों में दिए गए प्रवचनों का संग्रहनीय ग्रंथ महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
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S101, (ख) Importance of Simran in meditation yoga ।। महर्षि मेंहीं अमृतवाणी ।। 16-02-1955ई. S101, (ख) Importance of Simran in meditation yoga ।। महर्षि मेंहीं अमृतवाणी ।। 16-02-1955ई. Reviewed by सत्संग ध्यान on 12/06/2017 Rating: 5

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