प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S69, इसमें बताया गया है कि संतो ने सत्संग की बहुत महिमा गाई है। सत्संग से ही हर तरह का ज्ञान, विवेक, धन, ऐश्वर्य, मोक्ष इत्यादि सब प्राप्त होते हैं। इसलिए सत्संग क्या है और असली सत्संग किसे कहते हैं। इसे अच्छी तरह समझना चाहिए । फिर सत्संग के प्रभाव से ही हमें मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है । मोक्ष किसे कहते हैं ? इसे भी समझना जरूरी है। इसी तरह ईश्वर-परमात्मा की भक्ति कैसे करें? ईश्वर-भक्ति का सही तरीका क्या है? इन्हीं सब बातों से संबंधित गुरु महाराज का प्रवचन बहुत ही अच्छा और लंबा है। आइए प्रवचन पढ़ने के पहले गुरु महाराज का दर्शन करें-
गंभीरतापूर्वक गुरुदेव |
प्रवचन चित्र एक |
प्रवचन चित्र दो |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज का यह प्रवचन लंबा है। अतः इस प्रवचन के शेष भाग को दूसरे पोस्ट में पढ़ेंगें। शेष भाग प्रवचन पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
S69, (क) सत्संग और मोक्ष किसे कहते हैं? --सद्गुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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3/30/2018
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