प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S334, इसमें बताया गया है कि ईश्वर भक्ति से परम संतुष्टिदायक सुख की प्राप्ति कैसे होगी? इसके लिए हमें क्या करना चाहिए ? जिससे कि परम संतुष्टिदायक सुख की प्राप्ति हो । ऐसा सुख मिले जो एक बार मिलने के बाद कभी बिछड़े नहीं, सदा एकरस-एक जैसा बना रहे । संसार में ऐसा सुख नहीं है । वह कहां मिलेगा? उसकी क्या युक्ति है? आदि बातों पर विस्तार से चर्चा किया गया है। इसके साथ-साथ और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? ईश्वर भक्ति के लिए ईश्वर का सरुप के बारे में संत क्या कहते हैं? ईश्वर-सरुप कैसा है ? प्रवचन पढ़ने के पहले गुरु महाराज का दर्शन करें-
गुरुदेव और संतसेवी जी महाराज |
प्रवचन चित्र 1 |
प्रवचन चित्र दो |
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S334, (क) ईश्वर भक्ति से परम संतुष्टिदायक सुख की प्राप्ति -सद्गुरु महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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4/10/2018
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