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S308, धर्मशास्त्रों एवं उपनिषदों में मनुष्य शरीर की विशेषताका वर्णन -महर्षि मेंहीं

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S308, इसमें  बताया गया है कि मनुष्य शरीर की विशेषता और सदुपयोग क्या है?  उपनिषदों में एवं भारतीय संतों के वचनों में मनुष्य शरीर की बहुत विशेषता बताई गई है। बे विशेषताएं क्या है ? उनका सदुपयोग कैसे कर सकते हैं । इन सब बातों पर विशेष रूप से चर्चा है इस प्रवचन में।

प्रवचन चित्र
प्रवचन चित्र

प्रवचन चित्र दो
प्रवचन चित्र दो

प्रवचन समाप्त
प्रवचन समाप्त

     प्रभु प्रेमियों ! आप लोगों ने गुरु महाराज के प्रवचन का पाठ करके जाना कि धर्म शास्त्रों में मनुष्य शरीर की विशेषता क्यों गाई गई है और उसका लाभ कैसे ले सकते हैं। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है तो कमेंट करें।

S308, धर्मशास्त्रों एवं उपनिषदों में मनुष्य शरीर की विशेषताका वर्णन -महर्षि मेंहीं S308, धर्मशास्त्रों एवं उपनिषदों में मनुष्य शरीर की विशेषताका वर्णन -महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 5/13/2018 Rating: 5

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