प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S144, इसमें बताया गया है कि धन उपार्जन करने का सही तरीका एवं ईश्वर-भक्ति । संसार के कर्तव्यों का पालन करने के लिए धन की आवश्यकता है। वह धन कैसे प्राप्त करें। जिससे इस लोक और परलोक दोनों जगह सुख से रह सके । ईश्वर भक्ति कैसे करना चाहिए इस बातों का खुलासा किया गया है।
यम नियम |
प्रवचन चित्र |
प्रवचन चित्र लास्ट |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि धन उपार्जन करने का सही तरीका एवं ईश्वर-भक्ति । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S144, धन उपार्जन करने का सही तरीका एवं ईश्वर-भक्ति -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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6/22/2018
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