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S299, (ख) निर्गुण और सगुण ईश्वर भक्ति और इसके भेद -महर्षि मेंहीं सद्गुरु महर्षि मेंही

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर  S299, इसमें  बताया गया है  कि निर्गुण और सगुण ईश्वर भक्ति और इसके भेद । ईश्वर के यथार्थ स्वरुप के बोध के साथ लोग सगुण और निर्गुण दो तरह की भक्ति करना बताते हैं। इनमें क्या भेद है ? क्या रहस्य है? वास्तविकता क्या है? इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए।            यहां दवाएं
सद्गुरु महर्षि मेंही
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प्रवचन चित्र 3
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प्रवचन समाप्त
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S299, (ख) निर्गुण और सगुण ईश्वर भक्ति और इसके भेद -महर्षि मेंहीं सद्गुरु महर्षि मेंही S299, (ख) निर्गुण और सगुण ईश्वर भक्ति और इसके भेद -महर्षि मेंहीं सद्गुरु महर्षि मेंही Reviewed by सत्संग ध्यान on 6/16/2018 Rating: 5

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