प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S348, इसमें बताया गया है कि साधु की क्या महिमा है? सबसे बड़ा अज्ञानी कौन है और सबसे भाग्यशाली व्यक्ति कौन है? असली साधु का दर्शन परमात्मा का दर्शन के बराबर है।
शांति संदेश कवर |
प्रवचन चित्र |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि साधु की क्या महिमा है? सबसे बड़ा अज्ञानी कौन है और सबसे भाग्यशाली व्यक्ति कौन है? असली साधु का दर्शन परमात्मा का दर्शन के बराबर है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S348, साधु महिमा- सबसे बड़ा अज्ञान और सबसे भाग्यशाली व्यक्ति -महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
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6/09/2018
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