प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S368, इसमें बताया गया है कि संतो और वेदों के अनुकूल साधन का प्रतिनिधित्व-'सत्संग योग' है। संतो और वेदों में जो ध्यान बताया है, उसे करके फल देख लो । अर्थात् अगर संतो की बानी और वेदों के विचारों के अनुकूल जो ध्यान भजन की बातें हैं उसे करे। जिनको किसी प्रकार का शंका है, तो वहीं साधनाओं करें । इसका जो फल बताया गया है उसे प्रत्यक्ष रुप से वे पा सकते हैं।
शांति संदेश |
प्रवचन चित्र |
S368, संतो व वेदों के अनुकूल साधन का प्रतिनिधित्व-'सत्संग-योग'-महर्षि मेंहीं
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
6/09/2018
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।