Ad1

Ad2

S385, नासाग्र का सही स्वरूप और बिंदु ध्यान कैसे करें -महर्षि मेंहीं


प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S385, इसमें  बताया गया है कि नासाग्र का सही स्वरूप और बिंदु ध्यान कैसे करें । शांतिमय परमात्मा को पाने के लिए बिंदु ध्यान कीजिए। संतमत का उपदेश शांतिमय परम प्रभु परमात्मा की प्राप्ति के लिए हैं । परम प्रभु परमात्मा की प्राप्ति के लिए पहले बिंदु ध्यान कीजिए । बिंदु ध्यान कैसे करेंगे? इन बातों पर विशेष रूप से खुलासा किया गया है । इस प्रवचन में

गुरु महाराज
गुरुदेव


प्रवचन चित्र
प्रवचन चित्र

प्रवचन समाप्त
प्रवचन  समाप्त



     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि  नासाग्र का सही स्वरूप और बिंदु ध्यान कैसे करें  । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।



S385, नासाग्र का सही स्वरूप और बिंदु ध्यान कैसे करें -महर्षि मेंहीं S385, नासाग्र का सही स्वरूप और बिंदु ध्यान कैसे करें -महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 6/29/2018 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।

Ad

Blogger द्वारा संचालित.