Ad1

Ad2

S473, (क) Guru disciple's interrelatio, knowledge yoga and science of aura --महर्षि मेंहीं

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 473

      प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचननंबर 473 वां, भारत देश के, उत्तर प्रदेश प्रांत के मुरादाबाद जिलांतर्गत सत्संग मंदिर मुरादाबाद में आयोजित संतमत सत्संग में दिनांक- 06-10-1949 ई. को अपराह्न काल में हुआ था।  --पूज्यपाद स्वामी श्री संतसेवी जी महाराज  ।
      इस संतमत प्रवचन में आप जानेंगे-- ज्ञानयोग क्या है, ज्ञान योग के प्रकार,ज्ञान योग की परिभाषा,ज्ञान योग की व्याख्या,ज्ञान योग के चार चरण,ज्ञान योग के महत्व,ज्ञान योग का जीवन पर क्या प्रभाव है, गुरु और शिष्य,गुरु और शिष्य का पारस्परिक संबंध,गुरु और शिष्य की कहानी,गुरु शिष्य परंपरा,गुरु शिष्य जोडी, ऊर्जा-विज्ञान,आभामंडल की सफाई,आभामंडल का विज्ञान,आभामंडल बढ़ाने के उपाय,आभामंडल का अर्थ,ओरा क्या है,ओरा विज्ञान, आदि के बारे।

S473, (क) Guru disciple's interrelatio, knowledge yoga and science of aura --महर्षि मेंहीं । गुरु शिष्य आभामंडल की चर्चा
गुरु शिष्य और आभामंडल की चर्चा

Guru disciple's interrelation, knowledge yoga and science of aura

सदगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि- ज्ञान और योग की बातें, भक्त को मरने की समय सतर्क रहना चाहिए, गुरु और शिष्य की बातें, मनुष्य की आभा, स्वावलंबी बनाने की प्ररेणा,समय का महत्व, ध्यानी की पहचान, ध्यान में आलस्य ठीक नहीं, आदि बातों पर प्रकाश डाला गया है। पूरी जानकारी के लिए इस प्रवचन को पूरा पढें-

S473, (क) Guru disciple's interrelatio, knowledge yoga and science of aura --महर्षि मेंहीं । गुरु शिष्य आभामंडल प्रवचन चित्र एक
गुरु शिष्य आभामंडल प्रवचन चित्र एक

S473, (क) Guru disciple's interrelatio, knowledge yoga and science of aura --महर्षि मेंहीं । गुरु शिष्य आभामंडल प्रवचन चित्र दो
गुरु शिष्य और आभामंडल प्रवचन चित्र दो

S473, (क) Guru disciple's interrelatio, knowledge yoga and science of aura --महर्षि मेंहीं । गुरु शिष्य आभामंडल प्रवचन चित्र 3
गुरु शिष्य आभामंडल प्रवचन चित्र 3 

S473, (क) Guru disciple's interrelatio, knowledge yoga and science of aura --महर्षि मेंहीं । गुरु शिष्य आभामंडल प्रवचन चित्र समाप्त
गुरु शिष्य और आभामंडल प्रवचन चित्र समाप्त

यही प्रवचन शांति संदेश में प्रकाशित हुआ है उसे पढ़ने के लिए    यहां दबाएं। 

प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि गुरु और शिष्य का पारस्परिक संबंध Guru disciple's interrelatio, knowledge yoga and science of aura, इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। निम्न वीडियो में इस प्रवचन का पाठ किया गया है।


आप इस पूरी पुस्तक 'महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर' को डाउनलोड करना या ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं या संतमत के अन्य साहित्यों के सहित गुरु महाराज के सभी साहित्यों को ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो  यहां दबाएं।

S473, (क) Guru disciple's interrelatio, knowledge yoga and science of aura --महर्षि मेंहीं S473, (क) Guru disciple's interrelatio, knowledge yoga and science of aura --महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 6/13/2018 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।

Ad

Blogger द्वारा संचालित.