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S298, (ख) तुम अपने को बिल्कुल नंगा कर लो। -महर्षि मेंहीं

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 298 ।ख


   प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S298, इसमें  बताया गया है कि  तुम अपने को बिल्कुल नंगा कर लो।  इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए       यहां दबाएं

परिव्राजक गुरुदेव
परिव्राजक गुरुदेव

तुम अपने को बिल्कुल नंगा कर लो

     यह शरीर का पहनावा तुम्हारे ऊपर रखा गया है, यह पहनावा बड़ा दु:खकर है। इसको हटाकर बिल्कुल अपने आत्म स्वरूप में आ जाओ। यही अपने आप को नंगा करना है।

प्रवचन चित्र 3
प्रवचन चित्र 3

     अपना निजी ज्ञान बड़ा विशाल है। कभी-न-कभी पूर्णता को पहुंच जाओगे। पूर्ण से जो निकलताा है, वह भी पूर्ण । बाकी बचता है, वह भी पूर्ण। एक अजीब बात है। हम लोग निकले हुए पूर्ण हैं।

प्रवचन समाप्त
प्रवचन समाप्त



     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि अपने आपको बिल्कुल नंगा (आत्मस्वरूप में) कैसे कर सकते हैं  । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। जय गुरु महाराज।


S298, (ख) तुम अपने को बिल्कुल नंगा कर लो। -महर्षि मेंहीं S298, (ख) तुम अपने को बिल्कुल नंगा कर लो।  -महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 7/01/2018 Rating: 5

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