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S73, (ख) ध्यान कैसे करें ।। बिंदु ध्यान कैसे करें ।। ध्यान की महिमा ।। महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा ।।16-04-1954ई.

महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर / 73

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर  के बारे में। इसमें बताया गया है कि  बिंदु ध्यान कैसे करें? ध्यान की महिमा क्या है? संतवाणी की विशेषता क्या है? ईश्वर की भक्ति करना कोई खेल नहीं है। ईश्वर की भक्ति करना अर्थात योग करना, ध्यान करना है। ध्यान करने के लिए हठयोग और राजयोग तो तरीका है। गुरु महाराज जो ध्यान योग बतलाते हैं वह राजयोग के अंतर्गत है । यह बिंदु ध्यान सर्वश्रेष्ठ ध्यान है । क्या ध्यान कैसे करना चाहिए? इसकी क्या महिमा है ? इन सब बातों की जानकारी इस प्रवचन में दिया गया है

इसी प्रवचन को लेख रूप में पढ़ने के लिए   यहां दबाएं

दृष्टि योग और उसके महिमा पर चर्चा बाला शांति संदेश
दृष्टि योग कैसे करें चर्चा वाला  शांति संदेश

ध्यान कैसे करें ।। बिंदु ध्यान कैसे करें ।। ध्यान की महिमा

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि- धर्मानुरागिनी प्यारी जनता ! संतों की वाणी चाहे संस्कृत , चाहे पाली , चाहे भारती , चाहे किसी भी भाषा में हो , उसमें यही बात है कि मनुष्य को बहुत पवित्रता से रहना चाहिए ।..... इस तरह प्रारंभ करके गुरुदेव----Santavaanee ka mahatv, apane-apane bhaashaon mein santon ne saar roop mein kya kaha hai? hrday kee shuddhi kaise hotee hai? drshti yog kaise karate hain? drshti yog karane mein kya saavadhaanee rakhanee chaahie? upanishad ke anusaar- sabase bada pooja kya hai ?sabase bada mantr kya hai? sabase bada khoj kya hai? sabase bada devata kaun hai? sabase bada sukh kya hai? har tarah ka sanshay kaise door hota hai? hrday kee shuddhata ka kya mahatv hai? ....आदि बातों पर विशेष प्रकाश डालते हैं। इन बातों को अच्छी तरह समझने के लिए निम्नलिखित चित्र में पढ़ें-


दृष्टि योग और ध्यान की महिमा वाला प्रवचन चित्र एक

दृष्टि योग और उसकी महिमा वाला प्रवचन चित्र दो


इस प्रवचन के बाद वाले प्रवचन नंबर 74 को पढ़ने के लिए   यहां दबाएं।


प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि योग करने में क्या सावधानी रखनी चाहिए । हृदय शुद्धि के लिए दृष्टि योग की संपूर्ण जानकारी। हृदय की शुद्धि कैसे होती है, इत्यादि बातें।  इतनी जानकारी के बाद भी अगर कोई संका या प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। उपर्युक्त प्रवचन का पाठ निम्न वीडियो में किया गया है।




सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के विविध विषयों पर विभिन्न स्थानों में दिए गए प्रवचनों का संग्रहनीय ग्रंथ महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा सागर
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S73, (ख) ध्यान कैसे करें ।। बिंदु ध्यान कैसे करें ।। ध्यान की महिमा ।। महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा ।।16-04-1954ई. S73, (ख) ध्यान कैसे करें ।।  बिंदु ध्यान कैसे करें ।। ध्यान की महिमा ।। महर्षि मेंहीं सत्संग-सुधा ।।16-04-1954ई. Reviewed by सत्संग ध्यान on 7/07/2018 Rating: 5

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