प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं--संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S193, इसमें बताया गया है कि ईश्वर दर्शन के लिए जरुरी है विन्दु और नाद ध्यान की साधना। ईश्वर दर्शन सत्संग का सर्वश्रेष्ठ विषय है। यह बात वही समझ सकता है, जिसने ईश्वर का दर्शन किया हो या सच्चे सतगुरु का सत्संग किया हो। ईश्वर दर्शन के लिए यह भी जानना जरूरी है कि ईश्वर कैसा है? ईश्वर दर्शन मेँ कौन सहयोगी होगा? इस प्रवचन के पहले भाग को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
पूज्यपाद गुरुदेव |
प्रवचन चित्र 3 |
प्रवचन समाप्त |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि ईश्वर दर्शन के लिए जरुरी है विन्दु और नाद ध्यान की साधना। ईश्वर दर्शन सत्संग का सर्वश्रेष्ठ विषय है। । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S193, (ख) ईश्वर दर्शन सत्संग का सर्वश्रेष्ठ विषय --सद्गुरु महर्षि मेँहीँ, उपदेशामृत
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
7/15/2018
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।