'वेद-उपनिषद, गीता-रामायण, भागवत-गुरु ग्रंथ इत्यादि के वचनों से प्रमाणित सद्गुरु महर्षि मेंहीं के प्रवचनों द्वारा सत्संग, ध्यान, गुरु, ईश्वर इत्यादि विषयों पर चर्चा का ब्लॉग'
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S231, ध्यान योग के लिए जन्म-जन्मों का संस्कार चाहिए--सद्गुरु महर्षि मेंही प्रवचन
प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के हिंदी प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर S231, इसमें बताया गया है कि ध्यान योग के लिए जन्म-जन्मों का संस्कार चाहिए। ध्यान योग बहुत ही गंभीर विषय है और इस संसार का सबसे बड़ा काम है- ध्यान करना । उसमें सफलता प्राप्त कर लेना सहज नहीं है । इसके लिए जन्म-जन्मों का संस्कार चाहिए । और योग गुरु की सेवा-भक्ति चाहिए।
प्रवचन चित्र
प्रवचन चित्र दो
प्रवचन समाप्त
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि ध्यान योग के लिए जन्म-जन्मों का संस्कार चाहिए। ध्यान योग बहुत ही गंभीर विषय है। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का संका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।
S231, ध्यान योग के लिए जन्म-जन्मों का संस्कार चाहिए--सद्गुरु महर्षि मेंही प्रवचन
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
7/11/2018
Rating: 5
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प्रभु प्रेमियों! कृपया वही टिप्पणी करें जो सत्संग ध्यान कर रहे हो और उसमें कुछ जानकारी चाहते हो अन्यथा जवाब नहीं दिया जाएगा।
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