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S337, (ख) ईश्वर दर्शन कहां होगा।। विज्ञान की बातें। -महर्षि मेंहीं

"महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" / 337 ख

प्रभु प्रेमियों ! सत्संग ध्यान के इस प्रवचन सीरीज में आपका स्वागत है। आइए आज जानते हैं-संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) प्रवचन संग्रह "महर्षि मेंहीं सत्संग सुधा सागर" के प्रवचन नंबर 337 वां, में  बताया गया है कि ईश्वर दर्शन कहां होगा और विज्ञान की बातें अर्थात् विज्ञान क्या करता है? इस  प्रर्वतन  के पहले भाग को पढ़ने के लिए      यहां दबाएं

सद्गुरु महर्षि मेंही
सद्गुरु महर्षि मेंहीं


ईश्वर दर्शन कहां होगा ?

     पिछले पोस्ट में पढ़ चुके हैं ईश्वर का दर्शन तुरीयातीत अवस्था के अंत में होता है। तुरीयातीत अवस्था के अंत में पहुंचने के लिए कोई सवारी की जरूरत नहीं है, जो जहां हैं, वहीं से वे जा  सक
ते हैं। निम्नलिखित लेख में बताया गया है कि करना क्या है।

प्रवचन चित्र 3
प्रवचन  चित्र 3

विज्ञान क्या किया है?

     विज्ञान केवल बिनाश को बढ़ावा देने का आविष्कार किया है। विज्ञान अभी ऐसा अविष्कार नहीं किया है कि वह किसी व्यक्ति को जिला दे। विज्ञान तोड़ने के लिए जानता है । जोड़ना नहीं। विज्ञान (यंत्र) के द्वारा ईश्वर दर्शन नहीं हो सकता है।

प्रवचन समाप्त
प्रवचन समाप्त

     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के इस प्रवचन का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि  ईश्वर दर्शन कहां होगा और विज्ञान की बातें  । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस प्रवचन के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले प्रवचन या पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।


S337, (ख) ईश्वर दर्शन कहां होगा।। विज्ञान की बातें। -महर्षि मेंहीं S337, (ख) ईश्वर दर्शन कहां होगा।। विज्ञान की बातें। -महर्षि मेंहीं Reviewed by सत्संग ध्यान on 8/09/2018 Rating: 5

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